गुना। पुलिस को गुना डकैती कांड में बड़ी सफलता मिली है। 24-25 अगस्त की रात हनुमान टेकरी मंदिर में हुई डकैती के 23 दिन बाद पुलिस मुख्य आरोपी तक पहुंच गई है। पुलिस के मुताबिक, राजस्थान की कालबेलिया गैंग ने महिलाओं के कपड़े पहनकर वारदात को अंजाम दिया था। (Guna Hanuman Tekri Temple Robbery)
डकैतों तक पहुंचना पुलिस के लिए बहुत मुश्किल था। लेकिन, 20 पुलिसकर्मियों की टीम ने लगातार 20 दिन मेहनत कर पूरे घटनाक्रम का खुलासा कर दिया। साथ ही चोरी की 10 किलोग्राम चांदी भी रिकवर कर ली है। चोरी किए गए भगवान के चांदी के आभूषणों को गलाने वाले सुनार को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। (Guna Hanuman Tekri Temple Robbery)
इस मामले में करीब 500 सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद भी पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला था। लेकिन एक 6 सेकंड के फुटेज ने पुलिस को आरोपियों तक पहुंचा दिया।
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पुलिस ने बताया कि हनुमान टेकरी मंदिर डकैती मामले में गठित एसआइटी और आईजी ग्वालियर की टेक्निकल टीम ने इस मामले के आरोपितों की पहचान कर मुख्य आरोपित व गैंग के अन्य दो सदस्यों को पकड़ा है। उनके पास से हनुमानजी का चांदी का मुकुट, पर्वत, छत्र, एक गदा, चरण पादुका, ह्दयाभूषण, सिद्ध बाबा का चांदी का त्रिपुंड, दुर्गा माता का चांदी का मुकुट और चौकीदार का मोबाइल बरामद किया है।
आरोपी सुनार ने 2 किलो चांदी आरोपितों ने गलाकर उसकी ईंट बना ली थी, वह भी मिल गई है। जब्त की गई चांदी की कीमत करीब नौ लाख है, बाकी के चोरी के सामान और फरार पांच आरोपितों की तलाश जारी है।
पुलिस को आरोपियों का पहला क्लू 9 सितंबर को मिला। शहर की फतेहगढ़ रोड पर स्थित चीमा गांव में लगे एक सीसीटीवी में 2 लोग जाते दिखाई दिए। हालांकि इस दौरान न तो उनका चेहरा दिखाई दिया और न ही गाड़ी का नंबर। मंदिर के सीसीटीवी में भी पुलिस को 6 बदमाश ही नजर आए थे। इसके बाद पुलिस ने उनकी बाइकों को फॉलो करना शुरू किया।
पहले सीसीटीवी में नजर आने के बाद पुलिस को यही दो बाइक फतेहगढ़ के एक और सीसीटीवी कैमरे में नजर आईं। इसके बाद पुलिस आगे बढ़ी तो ये बाइक कोहन गांव (गुना) में नजर आई जो कि इनकी एमपी में आखिरी लोकेशन थी। यहां से बॉर्डर पार कर पुलिस राजस्थान के गुगौर चौराहा पहुंची, यहां भी ये दोनों बाइक दिखीं।
पुलिस इसके बाद छबड़ा पहुंची। यहां एक कैमरे में ये दोनों बाइक दिखीं। यहां के कई कैमरों में ये दिखाई दिए। कुंभराज तिराहे पर बाइक नजर आईं और छीपा बड़ौद तरफ गईं। लेकिन वहां पहुंची नहीं। इसके बाद पुलिस दोबारा उसी रास्ते पर आई। फिर बमोरी घाट से जंगल से होते हुए हरनावदा के लिए जाने वाले रास्ते पर पुलिस आगे बढ़ी। यहां से पुलिस अर्जुन पुरा होते हुए मनोहर थाना पहुंची। यहां पता चला कि जावर थाने के पीछे से कामखेड़ा के लिए एक रास्ता जाता है। पुलिस उस रास्ते से होते हुए कामखेड़ा पहुंच गई।
पुलिसकर्मियों को कामखेड़ा यहां के प्रसिद्ध बालाजी मंदिर इनपुट मिला कि पीछे कालबेलिया समाज के तीन डेरे हैं। अब पुलिस को पता लगाना था कि इन तीनों डेरों में चोरी की बरदात को अंजाम देने वाले बदमाश हैं या नहीं।
पुलिस की टीम ने एक आरक्षकों को सर्वेयर बनाकर इन डेरों में भेजा। इसके बाद शक के बेनाह पर पुलिस ने एक घर की तलाशी ली, जिसमें उसे हनुमान टेकरी मंदिर से चोरी किया हुआ सामान मिला। घर में पुलिस को एक महिला (शांति बाई) और एक लकवाग्रस्त पुरुष मिला। महिला ने पूछताछ में बताया कि उसके 7 लड़के हैं। सभी रात में ही पत्नी और बच्चों के साथ अचानक कहीं चले गए।
इसके बाद अगली सुबह डकैतों में से एक का मोबाइल चालू हुआ। जिससे पुलिस को उनकी लोकशन मिल गई। पुलिस की शांति बाई को लेकर लोकशन पर पहुंची। जहां सड़क के किनारे तीन पुरुष अपने परिवार के साथ बैठे थे। जिन्हें देखकर शांति बाई ने पुलिस को बताया कि वो उनके बेटे हैं।
पुलिस की गाड़ी को अपनी ओर आता देख आरोपी भागने लगे। लेकिन पुलिस ने बाबूलाल कालबेलिया पकड़ लिया। वहीं अन्य आरोपी भागने में सफल रहे। इसके बाद बाबूलाल के भाई शंकर और जेवर गलाने में मदद करने वाले मोहित सोनी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में आरोपी बाबूलाल ने बताया कि उसने अपने 5 भाइयों के साथ मिलकर हनुमान टेकरी मंदिर में चोरी की थी। डकैती डालने से लगभग 10-12 दिन पहले भाई हरि सिंह के साथ रमेश उर्फ शंकरनाथ को रेकी करने के लिए भेजा था।
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