विधानसभा में मोहन रथ हेमंत सारथी

विधानसभा में मोहन रथ हेमंत सारथी

खबर विशेष
हेमंत खंडेलवाल…अब तक तो नाम याद हो ही गया होगा…जी हां हम इन्ही हेमंत खंडेलवाल का जिक्र कर रहे हैं जो मध्य प्रदेश भाजपा के ताजा-ताजा अध्यक्ष बने है…फिलवक्त हेमंत खंडेलवाल अपने हिसाब से संगठनात्मक जमावट और बुनावट में लगे हैं और कार्यकर्ताओं को अनुशासन का बूस्टर डोज दे रहे हैं…खैर इसे परिपाटी तो नहीं कहेंगे लेकिन ये एक स्वाभाविक प्रक्रिया है कि…जब भी कोई व्यक्ति किसी जिम्मेदारी भरे पद पर आसीन होता है तो वो अपने हिसाब से जमावट बुनावट करता है…सो हेमंत खंडेलवाल भी कुछ रद्दोबदल के साथ अपनी सोच पर अमल चाहते हैं सो वैसा कर रहे है …बहरहाल बात उनकी कार्यशैली की नहीं बल्कि उस अघोषित दायित्व की है जिस पर सबकी निगाह है…2006 के बाद ये पहला मौका है जब सत्ता दल का विधायक पार्टा का प्रदेश अध्यक्ष भी है…यानि हेमंत बतौर विधायक 28 जुलाई से शुरू होने जा रहे विधान सभा सत्र में उपस्थित रहेंगे…खंडेलवाल चूंकि अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं लिहाजा विधानसभा में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होने वाली है …खंडेलवाल के पद के बारे में तो सभी जानते हैं जिक्र उनके कद का किया जाए तो ये चंद बातें जानना जरूरी है –

.हेमंत खंडेलवाल की छवि भाजपा के लो प्रोफाइल नेता की रही है
.भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनकर एकाएक एमपी की सियासत में चमके
.सीएम मोहन यादव की पसंद है हेमंत खंडेलवाल
.केन्द्रीय नेतृत्व का वरदहस्त खंडेलवाल को प्राप्त है
.कैलाश विजयवर्गीय और प्रह्लाद पटेल जैसे दिग्गज नेताओं के भी चहेते हैं

ऐसे में कई सवाल है जो जहन में उभरते हैं कि संगठन को मजबूत करने और पार्टी के कार्यक्रमों को गति देने में खंडेलवाल जो करामात करेंगे इसमे कोई शक नहीं… लेकिन सवाल यह है कि विधान सभा में क्या वो मोहन के रथ के सारथी का दायित्व बखूबी निभा पाएंगे… और वो भी तब जब कई बार विधानसभा में सत्ता पक्ष के विधायक ही अपनी सरकार पर सवाल खड़े करते हों…क्या विधानसभा में भी साथी सदस्यों को खंडेलवाल अनुशासन का पाठ पढ़ा पाएंगे…संगठन को मैनेज करने की युक्ति क्या विधानसभा में भी काम आएगी…विपक्ष के वार और अपनों से भी संभावित तकरार कैसे लगाएंगे खंडेलवाल विधानसभा में सरकार की नैया पार…ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब विधानसभा में खंडेलवाल के तेवर देखने के बाद ही मिलेगा…कुलजमा देखा जाए तो हेमंत खंडेलवाल की विधानसभा में भूमिका अहम होगी इसमें कोई वहम नहीं।

अविनाश ठाकुर

 

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