भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर बंद हुई राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) को फिर से पुनर्जीवित करने की कवायद शुरू कर दी गई है। कभी राजधानी को खूबसूरती देने वाला सीपीए बंद करने के पीछे एक नौकरशाह की जिद ऐसी रही कि पिछले डेढ़ साल से भोपाल की सूरत ही बदल गई है।(Government Decision)
शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर हुआ था बंद
सीपीए को बंद करने का खेल वर्ष 2021 में शुरू हुआ था। मध्य प्रदेश के प्रशासनिक महकमे में अपना एक बड़ा रसूख रखने वाले वरिष्ठ अधिकारी की जिद के चलते ही तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा था कि राजधानी की सड़कों की जिम्मेदारी एक या दो एजेंसी के पास होना चाहिए। ढेर सारी एजेंसियों की क्या जरूरत है। उन्होंने सीपीए की कोई जरूरत न बताते हुए इसे तत्काल बंद करने के निर्देश दिए थे जिसके बाद सीपीए को 2022 में बंद कर दिया गया था।(Government Decision)
मोहन सरकार ने फिर शुरू करने का लिया निर्णय
अब शहर की बदहाली को देखते हुए मोहन सरकार ने इसे फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है। सीपीए बंद करने के पीछे जिस अधिकारी की महत्वपूर्ण भूमिका थी, वह अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं।(Government Decision)
वर्ष 1960 में हुआ था सीपीए का गठन
बता दें कि, भोपाल शहर को व्यवस्थित तरीके से डेवलप करने के लिए वर्ष 1960 में आवास एवं पर्यावरण विभाग के अंतर्गत सीपीए का गठन किया गया था। इसका काम भोपाल शहर की सड़कों को बनाना और उनका मेंटेनेंस करना था। इसके अलावा, उसके जिम्मे उद्यान, बिल्डिंग निर्माण, पुल-पुलिया बनाने आदि के काम भी आ गए। इस विभाग की नए शहर को खूबसूरती देने में बड़ी भूमिका रही है। नए मंत्रालय एनेक्सी बनाने से लेकर वीआईपी रोड जैसे कई बड़े काम सीपीए ने ही किए हैं।