रायपुर। झारखंड में कथित शराब घोटाले के मामले में EOW ने अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी, अनिल टुटेजा और अरविंद सिंह समेत 7 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज किया है।(Jharkhand Liquor Scam)
झारखंड के दो आबकारी अधिकारी भी शामिल
जिन लोगों पर मामले दर्ज किए गए हैं उनमें झारखंड के दो आबकारी अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं। इन सभी आरोपियों को पहले से ही छत्तीसगढ़ में करोड़ों रुपए के शराब घोटाले के मामले में जेल में रखा गया है।(Jharkhand Liquor Scam)
ईओडब्ल्यू में FIR दर्ज
एफआईआर के मुताबिक, दिसंबर 2022 में झारखंड की शराब नीति के टेंडर में बदलाव किया गया। यह बैठक रायपुर में अनवर ढेबर के ठिकाने पर हुई थी, जिसमें एपी त्रिपाठी, अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह और झारखंड के आबकारी अधिकारी शामिल थे।(Jharkhand Liquor Scam)
एक कंपनी को लाभ पहुंचाना मकसद
इस बदलाव का मकसद एक कंपनी को लाभ पहुंचाना बताया गया है, जिससे सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ। यह वही कंपनी है जो छत्तीसगढ़ में भी शराब ठेकों को चला रही थी।(Jharkhand Liquor Scam)
नकली होलोग्राम लगाकर बेची शराब
दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार के दौरान नकली होलोग्राम लगाकर पूरे राज्य में शराब की सप्लाई की गई थी, और अब इसी तरह का मामला झारखंड में भी सामने आया है। आरोप है कि नकली होलोग्राम का इस्तेमाल कर शराब बेची गई, जिसका कोई हिसाब-किताब मौजूद नहीं है। इस घोटाले से सरकार को भारी नुकसान होने का अंदेशा जताया जा रहा है।(Jharkhand Liquor Scam)
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नीति में किया गया बदलाव
इतना ही नहीं नीति में बदलाव कर एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए 11 करोड़ रुपए की सुरक्षा निधि निर्धारित की गई थी। इसके साथ ही, एक कर्मचारी की अनिवार्यता की शर्त भी रखी गई थी। इसके अलावा 6 महीने में 200 करोड़ रुपए का टर्नओवर होना जरूरी था। वहीं, शराब के होलसेल टेंडर में शामिल होने के लिए 25 लाख रुपए की नॉन-रिफंडेबल राशि तय की गई थी, जो टेंडर प्रक्रिया का हिस्सा थी।