भोपाल। मध्यप्रदेश में कुपोषण के खिलाफ जंग में पिछले 20 वर्षों में लगातार सफलता मिल रही है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-3 (NFHS-3) साल 2005-06 और राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (NFHS-5) साल 2019-21 के जारी आंकड़ों के तुलनात्मक विश्लेषण से यह स्पष्ट है कि राज्य में बच्चों में कुपोषण के मामलों में गिरावट आई है। (Madhya Pradesh News)
मध्यप्रदेश में 2005-06 में जहां 60% बच्चे उम्र के अनुसार कम वजन वाले थे वहीं साल 2020-21 में यह आंकड़ा घटकर 33% हो गया। इस अवधि में 45% की गिरावट दर्ज की गई, जिससे मध्यप्रदेश देशभर में तीसरे स्थान पर है। (Madhya Pradesh News)
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साल 2005-06 में दुबलेपन की दर 35% थी, जो 2020-21 में घटकर 18.9% हो गई। इसमें भी 16.1 अंक यानी 45.9% की गिरावट दर्ज की गई, जिससे राज्य देश में दूसरे स्थान पर है। गंभीर दुबलेपन के मामलों में 12.6% से घटकर 6.5% यानी 6.1 अंक (48.7%) की गिरावट आई, जिससे मध्यप्रदेश इस श्रेणी में भी देश में दूसरे स्थान पर है।
इन आंकड़ों से साफ है कि बीते 20 साल में राज्य में कुपोषण की समस्या पर न केवल लगाम लगी है। बल्कि, इसमें लगातार गिरावट भी दर्ज की गई है। खासकर कम वजन और दुबलेपन जैसे गंभीर श्रेणियों में प्रदेश का प्रदर्शन देश में दूसरे स्थान पर है।
मिशन मोड पर एक्टिव MP
मध्यप्रदेश को मिली इस बड़ी कामयाबी पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने ट्वीट कर कहा, ‘मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्धन कार्यक्रम के सफल क्रियान्वन के फलस्वरूप मध्यप्रदेश में कुपोषण के आंकड़ों में बड़ी गिरावट आई है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे की सर्वे रिपोर्ट अनुसार कम वजन वाले बच्चों के आंकड़ों में 45 फीसदी की कमी, दुबलापन MAM के आंकड़ों में 45.9 फीसदी की कमी, गंभीर दुबलापन SAM में 48.7 फीसदी की कमी एवं ठिगनापन में 28.7 फीसदी की कमी दर्ज की है।’
कुपोषण के विरुद्ध युद्ध में मध्यप्रदेश मिशन मोड पर एक्टिव…
मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्धन कार्यक्रम के सफल क्रियान्वन के फलस्वरूप मध्यप्रदेश में कुपोषण के आंकड़ों में बड़ी गिरावट आई है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे की सर्वे रिपोर्ट अनुसार कम वजन वाले बच्चों के आंकड़ों में…
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) September 16, 2024
उन्होंने आगे कहा, ‘इस तरह कुल कुपोषण के स्तर में गिरावट लाने वाले राज्यो में मध्यप्रदेश दूसरे स्थान पर है। मध्यप्रदेश सरकार बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने हेतु मिशन मोड में कार्य कर रही है और यह उपलब्धि कुपोषण के विरुद्ध प्रदेश की जीत का शंखनाद है।’
पोषण ट्रैकर ऐप का DATA
मध्यप्रदेश में कुपोषण की स्थिति पर नज़र रखने के लिए भारत सरकार द्वारा संचालित पोषण ट्रैकर ऐप के आंकड़ों से राज्य के कुपोषण में कभी एक सकारात्मक तस्वीर देखने को मिली हैं। इस ऐप के जरिए पिछले एक वर्ष में बच्चों की कुपोषण स्थिति में निरंतर सुधार परिलक्षित हो रहा है।
2023 से 2024 के बीच के प्रमुख आंकड़े
ट्रेकर ऐप के आंकड़ो के मुताबिक अप्रैल 2023 में राज्य में 30% बच्चे कम वजन वाले थे, जो जुलाई 2024 तक घटकर 27% रह गए हैं।
ठिगनापन
अप्रैल 2023 में दुबलापन 8% था, जो जुलाई 2024 में घटकर 7% हो गया है। इस तरह इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि राज्य में बच्चों के पोषण स्तर में पिछले एक वर्ष के दौरान अच्छा खासा सुधार हुआ है।