मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का शुभारंभ हो चुका। पीएम नरेंद्र मोदी ने इसका शुभारंभ करते हुए मोहन सरकार की 18 उद्योग फ्रेंडली नीतियों को लांच किया। अनंत संभावनाओं की थीम पर इस जीआईएस का शुभारंभ हुआ। निवेशकों ने प्रदेश में निवेश को लेकर रुचि भी दिखाई। साथ ही प्रदेश सरकार के आयोजन और नीतियों की तारीफ भी की। पहले दिन ही बड़े उद्योगपतियों ने बड़ा निवेश भी किया। इसके अलावा कार्यक्रम में देरी से आने पर पीएम मोदी ने मेहमानों से माफी भी मांगी।

भोपाल में आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के भव्य आयोजन का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने एमपी पवेलियन का दौरा भी किया। उन्होंने सफल आयोजन के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने समिट का शुभारंभ करते हुए कहा कि भारत के इतिहास में ऐसा अवसर पहली बार आया है, जब पूरी दुनिया भारत के लिए आशान्वित है। यही विश्वास हम मध्यप्रदेश में अनुभव कर रहे हैं। मध्यप्रदेश जनसंख्या की दृष्टि से देश का पांचवां बड़ा राज्य है। कृषि और खनन में अग्रणी है। इसके साथ ही राज्य को माँ नर्मदा का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। देश में हो रहे अधोसंरचना विकास का लाभ मध्यप्रदेश को मिला है, दिल्ली, मुम्बई नेशनल हाईवे का बड़ा भाग मध्यप्रदेश से निकलता है। प्रदेश में पाँच लाख किलोमीटर का रोड नेटवर्क है और लॉजिस्टिक्स की यहाँ अपार संभावनाएं विद्यमान है। मध्यप्रदेश में हर वो क्षमता है, जो इसे देश के शीर्ष पाँच राज्यों में ला सकता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाने के लिए बधाई दी।
18 नीतियों को किया लांच
प्रधानमंत्री मोदी ने समिट में पधारे उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि यहां 300 से अधिक इंडस्ट्री जोन हैं और निवेश की अपार संभावनाएं। प्रदेश में 31 हजार मेगावॉट सरपल्स एनर्जी है, जिसमें 30 फीसदी रिन्यूएबल एनर्जी है। कुछ दिन पहले ही ओंकारेश्वर में फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजना का शुभारंभ हुआ। एनर्जी सेक्टर में आए बूम का मध्यप्रदेश को लाभ मिला है। उन्होंने मध्यप्रदेश को देश का कॉटन कैपिटल बताते हुए कहा कि कपड़ा उद्योग और कॉटन सप्लाय में मध्यप्रदेश, देश का सबसे बड़ा उत्पादक है। यहां का मलबरी सिल्क और चंदेरी साड़ियां भी बहुत पसंद की जाती। देश में बन रहे सात बड़े टेक्सटाइल पार्क में से एक मध्यप्रदेश में है। देश के टूरिज्म सेक्टर में मध्यप्रदेश अजब भी है और गजब भी है। नर्मदा के किनारे पर्यटन का पर्याप्त विकास हुआ है। प्रदेश में मेडिकल टूरिज्म की भी अपार संभावनाएं हैं।
इलेक्ट्रिक व्हीकल क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा मप्र प्रधामनंत्री मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि दो दशक पहले लोग मध्यप्रदेश में निवेश करने से डरते थे। जिस प्रदेश में बसें ठीक से नहीं चल पाती थीं, वह राज्य अब इलेक्ट्रिक व्हीकल के मामले में तेज गति से आगे बढ़ रहा है। जनवरी 2025 तक प्रदेश में दो लाख इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर्ड हुए, जो दर्शाता है कि नए क्षेत्रों में भी मध्यप्रदेश निवेश आकर्षित कर रहा है। लीथियम बैटरी और न्यूक्लीयर एनर्जी में भी निवेश को प्रोत्साहित किया जा रहा। मध्यप्रदेश में शत-प्रतिशत रेल नेटवर्क का विद्युतीकरण किया जा चुका है। रानी कमलापति स्टेशन के चित्र सभी का मन मोह रहे हैं। इसी तर्ज पर प्रदेश के 80 रेलवे स्टेशनों को विकसित किया जा रहा है। विमानन सेवा के लिए ग्वालियर और जबलपुर के एयरपोर्ट को विस्तार दिया गया। कार्यक्रम में लेट आने पर मांगी माफी प्रधानमंत्री मोदी ने जीआईएस के शुभारंभ कार्यक्रम में 15-20 मिनट विलंब पहुंचने का कारण बताते हुए कहा कि उन्हें ज्ञात हुआ कि आज 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों की परीक्षा है। वीआईपी मूवमेंट होने से विद्यार्थियों को कोई परेशानी न हो, इस उद्देश्य से उन्होंने अपना शेड्यूल 15 मिनट विलंबित किया। सीएम मोहन ने अंनत संभावनाओं की बताया वहीं जीआईएस में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सतत विकास और औद्योगिक निवेश की दिशा में नए कदम बढ़ाये जा रहे। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की थीम 'अनंत संभावनाएं है, जो प्रदेश में उद्योग और निवेश की असीमित संभावनाओं को दर्शाती है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत को 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प समस्त भारतवासियों ने लिया है, हमारा लक्ष्य देश को 35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। विकसित भारत के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए विकसित मध्यप्रदेश समस्त प्रदेशवासियों के साथ महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी अनुक्रम में राज्य सरकार अगले पांच सालों में राज्य की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही। उन्होंने कहा कि उद्योग एवं रोजगार को बढ़ावा देने के लिए पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के अंतर्गत 6 विभाग शहरी विकास विभाग, पर्यटन विभाग, खनिज विभाग, नवीकरणीय ऊर्जा विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग एवं एमएसएमई विभाग के अलग से समिट हो रहे। प्रदेश में सरप्लस बिजली है, भरपूर पानी है, विशाल लैंड बैंक है और कुशल मानव संसाधन है। यहां की कानून-व्यवस्था भी निवेश अनुकूल है। उन्होंने यह भी कहा कि सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में मध्यप्रदेश बड़े राज्यों की श्रेणी में सर्वाधिक वार्षिक विकास दर वाला राज्य है। पिछले 12 सालों में मध्यप्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद लगभग 4 गुना हुआ। उन्होंने कहा कि मेगा फुटवेयर क्लस्टर (मुरैना), नवकरणीय ऊर्जा उपकरण निर्माण (मोहासा-बावई) और पीएम मित्रा (MITRA) पार्क (धार) सहित कई बड़े प्रोजेक्ट प्रगति पर हैं। विक्रम उद्योगपुरी (उज्जैन) में मेडिकल डिवाइसेस पार्क और 6 नए औद्योगिक क्षेत्रों का विकास हो रहा है। प्रदेश में 300 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र हैं। आगामी वर्ष में 13 नए औद्योगिक पार्क पूर्ण होंगे, जबकि 20 और औद्योगिक पार्कों की आधारशिला रखी जाएगी। राज्य में प्लग एंड प्ले सेंटर, सेमीकंडक्टर पार्क एवं नवीन आईटी पार्क स्थापित किए जा रहे हैं, इससे प्रदेश में निवेश आकर्षित होगा और रोजगार के नए द्वार खुलेंगे।
- जीआईएस में वीडियो के जरिए अडाणी ग्रुप के चेयरमेन गौतम अडाणी ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आना उनके लिए सौभाग्य का विषय है। अडाणी ग्रुप मध्यप्रदेश में 50 हजार करोड़ रूपए का निवेश कर चुका है। भविष्य में उनके समूह की एक लाख 10 हजार करोड़ रूपए की योजना है। यह निवेश सीमेंट, खनन और ऊर्जा क्षेत्र में होगा, इससे वर्ष 2030 तक एक लाख 20 हजार रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के साथ मल्टी स्मार्ट सिटी और एयरपोर्ट सिटी के निर्माण के लिए भी उनका समूह चर्चा कर रहा है।
- प्रदेश में निवेश के संबंध में अवाडा ग्रुप के चेयरमेन विनीत मित्तल ने कहा कि उनके समूह की प्रदेश में 50 हजार करोड़ रूपए के निवेश से सोलर-विंड पॉवर प्रोजेक्ट स्थापना की योजना है।
- आईटीसी ग्रुप के संजीव पुरी ने मध्यप्रदेश को कृषि क्षेत्र का पॉवर हाऊस बताया।
- गोदरेज समूह के नादिर गोदरेज ने कहा कि प्रदेश में जारी विकास प्रक्रिया से यहां निवेश करना बुद्धिमानी है।
- सागर ग्रुप के सुधीर अग्रवाल और शक्ति पम्पस के दिनेश पाटीदार ने भी प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों के संचालन संबंधी अपने अनुभव साझा किए।