ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर (Gwalior News) से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। केंद्रीय मंत्री का नाम लेकर ठगी करने वाले शख्स को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम पुष्पेंद्र दीक्षित है। वह ग्वालियर की डबरा तहसील के ऊदलपाड़ा गांव का रहने वाला है। पुलिस ने आरोपी के पास से 5 मोबाइल और बहुत से सिम कार्ड बरामद किए हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपी ने खुद को केंद्रीय मंत्रियों का करीबी बताकर पुलिस ओर बीएसएफ के अंदर ट्रांसफर करवाने की कोशिश की।
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आरोपी सोशल मीडिया पर धार्मिक कपड़ों में मंत्रियों के साथ ली गई अपनी तस्वीरें डालता था। जिससे लोग उसके झांसे में आ जाते थे। उसने पिछले महीने शिवपुरी और गुना में पदस्थ दो थाना प्रभारियों का भिंड और ग्वालियर ट्रांसफर कराने के लिए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के निजी सचिव (पीए) बनकर डीजीपी मध्यप्रदेश और विशेष पुलिस महानिदेशक (प्रशासन) को मैसेज भेजे थे। यहां तक कि जिस सिम नंबर से मैसेज किए, वह भी उसने फर्जी तरीके से मंत्री के पीए के नाम से ली थी।
हैरानी की बात है कि आरोपी के चंगुल में ग्वालियर रेंज के दो टीआई विनय यादव और पंकज त्यागी भी फंस गए। आरोपी के खुलासे के बाद आईजी ने दोनों थाना प्रभारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है।
ऐसे हुआ खुलासा
आरोपी की ओर से भेजे गए मैसेज की भाषा से डीजीपी को फर्जी मैसेज होने का अंदेशा हुआ। उन्होंने आईजी ग्वालियर को ये मैसेज भेजा और इसकी सत्यता का पता लगाने के लिए कहा। इसके बाद क्राइम ब्रांच की जांच में सामने आया कि जिस नंबर से मैसेज भेजा गया था वो केंद्रीय मंत्री के पीए का था ही नहीं।
आरोपी पुष्पेंद्र दीक्षित 8 अगस्त तक पुलिस की रिमांड पर है। पुलिस उससे पूछताछ में जुटी हुई है। कहा जा रहा है कि वह अभी और चौंकाने वाले खुलासे कर सकता है।
ग्वालियर एसपी के मुताबिक आरोपी के पास से 5 मोबाइल, 1 लाख रुपये नकद और बहुत से आधार कार्डों के अलावा अन्य विभागों के लिए बनाए गए फर्जी लेटर और डॉक्यूमेंट्स जब्त किए हैं।
दिल्ली में भी केस दर्ज
पुष्पेंद्र के खिलाफ पहले भी फर्जीवाड़ा करने के आरोप में केस दर्ज हुआ है। दरअसल, साल 2016 में आरोपी ने विदेश मंत्रालय के माध्यम से अर्द्धशासकीय लेटर भेजकर महानिदेशक, बीएसएफ हेडक्वार्टर नई दिल्ली के कर्मचारियों के ट्रांसफर हेतु पत्र भेजा था जो फर्जी पाया गया था। इसके बाद दक्षिण दिल्ली के पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। जिसमें भी यह फरार था।